किसी व्यक्ति, वस्तु आदि का नेत्रों के द्वारा होने वाला बोध
श्रद्धा, भक्ति और विनम्रतापूर्वक देवता, देवमूर्ति अथवा बड़ों से किया जाने वाला साक्षात्कार
वह विचारधारा जिसमें प्रकृति,आत्मा,परमात्मा और जीवन के अंतिम लक्ष्य आदि का विवेचन होता है
एक उपनिषद्
देखने की क्रिया या भाव।
नेत्रों द्वारा होनेवाला ज्ञान,बोध या साक्षात्कार।
प्रेम,भक्ति और श्रद्धापूर्वक किसी ो देखने की क्रिया या भाव।
क्रि.प्र.करना
विशेष इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग संस्कृत के आधार परर बहुधा बहुवचन में ही होता है।
जसे अब आप के दर्शन कब होगें।
आपस में होनेवाला आमना सामना या देखा देखी।
मुलाकात
आँख या दृष्टि के द्वारा होनेवाला ज्ञान या बोध।
आँख नेत्र
,स्वप्न
अक्ल
धर्म या उसके त्तत्व का ज्ञान।
0.दर्पण
नैतिक गुण
विचार या उसके आधार पर स्थिर की हुई सम्मति।
किसी को कोई बात अच्छी तरह समझाते हुए बतलाना।
कोई बात या ध्यान या विचारपूर्वक देखना और अच्छी तरह समझाना।
वह विज्ञान या शास्त्र जिसमें प्राणियों को होनेवाले ज्ञान या बोद,सब तत्त्वों तथा पदार्थों के मूल और आत्मा,परमात्मा,प्रकृति विश्व सृष्टि आदि के संबंध रखनेवाले नियमों,विधानों,सिद्धातों आदि का गंभीर अध्ययन,निरूपण तथा विवेचन होता है।
सब बातों के रहस्य,स्वरूप आदि का ऐसा विचार।
प्रेम,भक्ति और श्रद्धापूर्वक किसी को देखने की क्रिया या भाव।
वह विज्ञान या शास्त्र जिसमे प्राणियों को होनेवाले ज्ञान या बोद,सब तत्त्वों तथा पदार्थों के मूल और आत्मा,परमात्मा,प्रकृति विश्व सृष्टि आदि के संबंध रखनेवाले नियमों,विधानों,सिद्धातों आदि का गंभीर अध्ययन,निरूपण तथा विवेचन होता ह।